विद्यालय युनिफार्म बदलने के निर्णय का विरोध, कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन सागवाड़ा ने उपखंड़ अधिकारी को सौपा ज्ञापन।
सामाजिक संगठनों ने एसोसिएशन के ज्ञापन को जनहित से परे बताया।
डूंगरपुर। कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन सागवाड़ा ने सरकार द्वारा विद्यालय युनिफार्म बदलने के प्रस्थावित निर्णय के विरोध करते हुए उपखंड़ अधिकारी सागवाड़ा को राजस्थान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।
सागवाड़ा कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन के द्वारा ज्ञापन में मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूल के युनिफार्म बदलने के प्रस्तावित निर्णय के विरोध में पुर्नविचार करने, कोविड़ 19 संक्रमण से सभी व्यापारियों को आर्थिक रूप से व्यापार में नुकसान को लेकर परेशान है,इसके बाद भी राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित युनिफार्म बदलने का निर्णय से व्यापारियों के साथ धौखा है। पूर्व की सरकार द्वारा 3 वर्ष पूर्व ही युनिफार्म वदला गया था जिससे व्यापारियों ने स्कूल खुलने से पूर्व ही युनिफार्म का स्टॉक फरवरी-मार्च से ही कर दिया। अगर सरकार युनिफार्म बदलने का निर्णय करती हो तो व्यापारियों द्वारा किए गए युनिफार्म स्टाॅक से भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। ज्ञापन में युनिफार्म बदलने से विद्यार्थियों व अभिभावकों पर अनावश्यक खर्च का भार उठाना पडेगा सहित कई मुद्धो पर मांग की। सागवाड़ा कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन ने सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों का भारी विरोध करते हुए गुरूवार को उपखंड़ अधिकारी राजीव द्विवेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की कि व्यापारियो और जनहीत में अपने निर्णय पर पुर्नविचार कर पुराने युनिफार्म को कायम रखा जाए और उचित विचार कर अपने प्रस्तावित विचार को वापस ले।
इस अवसर पर कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन अध्यक्ष चन्द्रशेखर सिंघवी, दिलीपभाई सेठ, खुशपाल गलालिया, नरेश दोसी, रेंडिमेड एसोसिएशन अश्विन बोबड़ा, प्रतीक शाह, भरत भाई, महावीर जैन, बाबुलाल जैन सहित कई व्यापारी मौजूद रहे।
सामाजिक संगठनों का मानना है कि एसोसिएशन का ज्ञापन जनहित में नही।
वही अधिकांश सामाजिक संगठनों ने कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन द्वारा सिर्फ व्यापारियों के हितों व आर्थिक नुकसान के बारे सोचकर राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ ज्ञापन देना सही नही बताया। साथ ही सामाजिक संगठनो का मानना है कि कोरोना काल में अगर वर्तमान में किसी का भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है तो वह सिर्फ क्षैत्र के गरीब परिवारों के बच्चों का हो रहा है। अगर कपड़ा एसोसिएशन एवं रेंडिमेड एसोसिएशन के पदाधिकारियों के द्वारा सार्वजनिक घोषणा किया जाता कि क्षैत्र में गरीब बच्चों व विद्यार्थियों में निःशुल्क युनिफार्म वितरण कर सर्वहित कार्य करना उचित रहता।